इमोशनली बेवकूफ लोग चलते फिरते बारूद की तरह हैं, कोई भी कभी भी इनके ज़रिए किसी का भी कत्ल करवा सकता है, दंगा भड़का सकता है।
हमारे देश में ऐसे लोगों गोमांस या फिर धर्मविरोध के नाम पर मॉब लिंचिंग करते पाए जाते हैं। ठीक ऐसे ही पाकिस्तान में भी गली गली में ऐसे बारूद के ढेर घूम रहे हैं। बस उन्हे यह कहकर इमोशनल बेवकूफ बनाना होता है कि फलां ने अल्लाह या फिर अल्लाह के रसूल (स.) की शान में गुस्ताखी की है।
फिर इमोशंस भड़कने पर शैतान बने यह लोग ना तो कोई फैक्ट्स चेक करते हैं, ना उन्हे किसी प्रूफ की ज़रूरत होती है और ना ही किसी अदालत में जुर्म साबित करना होता है। सज़ा भी थोड़ी बहुत नहीं, बल्कि शैतानों की भीड़ खुद ही सज़ा देते हुए सीधे लिंचिग कर देती है।
यह सिर्फ एक उदाहरण है, पर ऐसा वहां भी आए दिन होता रहता है। पाकिस्तान की आर्थिक और दिमागी बदहाली की ज़िम्मेदारी इन इमोशनल बेवकूफ कट्टरपंथियों पर भी आती है।
उनकी इस बदहाली के बावजूद इस तरफ वाले इमोशनल बेवकूफ उनसे खूब रेस लगा रहे हैं!
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